Sansad Bhawan – संसद भवन का इतिहास, वास्तुकला, महत्व और संपूर्ण जानकारी
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की आत्मा को प्रतिबिंबित करने वाला भवन, Sansad Bhawan (संसद भवन), न केवल एक ऐतिहासिक इमारत है, बल्कि यह भारतीय गणराज्य की शक्ति, गरिमा और संविधान की प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है। इस लेख में हम Sansad Bhawan का इतिहास, निर्माण, वास्तुकला, कार्यप्रणाली और इससे जुड़े अनगिनत रोचक तथ्यों की चर्चा करेंगे। साथ ही आपको मिलेगी इस स्थान पर आने के लिए ज़रूरी जानकारी, टेबल फॉर्म में।
📜 1. Sansad Bhawan का परिचय
Sansad Bhawan, जिसे हिंदी में संसद भवन कहा जाता है, भारत सरकार की विधायिका का मुख्यालय है। यह वही स्थान है जहाँ भारत की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया – कानून बनाना – संपन्न होती है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के लिए कक्ष हैं।
- स्थान: नई दिल्ली
- स्थापना वर्ष: 1927
- आर्किटेक्ट: सर एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर
- आकार: गोलाकार (circular)
- मुख्य सामग्री: बलुआ पत्थर (Red and Cream Sandstone)
🏛️ 2. Sansad Bhawan का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
2.1 भारत में विधायिका की शुरुआत
भारत में विधायिका की स्थापना ब्रिटिश राज के दौरान हुई थी। उस समय की ‘Central Legislative Assembly’ के लिए एक स्थायी भवन की आवश्यकता महसूस की गई। इसके परिणामस्वरूप संसद भवन का निर्माण किया गया।
2.2 निर्माण प्रक्रिया
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| निर्माण शुरू | 1921 |
| उद्घाटन | 18 जनवरी 1927 |
| कुल लागत | ₹83 लाख (लगभग) |
| उद्घाटनकर्ता | लॉर्ड इरविन (तत्कालीन वायसराय) |
🧱 3. वास्तुकला और डिज़ाइन (Architecture & Design)
Sansad Bhawan की वास्तुकला में भारतीय और ब्रिटिश स्थापत्य शैली का सुंदर समन्वय है। इसकी परिकल्पना और डिज़ाइन सर एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर द्वारा की गई थी।
3.1 मुख्य विशेषताएँ
- भवन का आकार गोलाकार है, जो लोकतंत्र में ‘समता’ और ‘विचारों की परिक्रमा’ का प्रतीक है।
- कुल 144 खंभे इसके बाहरी घेरे को सुशोभित करते हैं।
- तीन मुख्य कक्ष – लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय पुस्तकालय।
- केंद्र में एक सुंदर सेंट्रल हॉल है।
3.2 स्थापत्य सामग्री
| सामग्री | उपयोग |
|---|---|
| बलुआ पत्थर | मुख्य बाहरी दीवारें |
| संगमरमर | आंतरिक सज्जा |
| लकड़ी | आंतरिक दरवाजे और फर्नीचर |
🏛️ 4. संसद भवन के अंदर का ढांचा
4.1 लोकसभा कक्ष (House of the People)
- सदस्य संख्या: 543 निर्वाचित + 2 मनोनीत
- रंग: हरा (Green theme)
- भूमिका: निचला सदन, सरकार गठन की शक्ति
4.2 राज्यसभा कक्ष (Council of States)
- सदस्य संख्या: 245 (233 निर्वाचित + 12 मनोनीत)
- रंग: लाल (Red theme)
- भूमिका: उच्च सदन, समीक्षा और सलाह
4.3 केंद्रीय कक्ष (Central Hall)
- ऐतिहासिक महत्व: यहीं पर संविधान सभा की बैठकें हुईं
- स्वतंत्रता की घोषणा इसी स्थान पर हुई थी
🏗️ 5. नए संसद भवन (New Parliament Building) की आवश्यकता
5.1 पुराने भवन की सीमाएँ
- पुराना भवन 100 वर्षों से अधिक पुराना हो गया था।
- संरचना में जर्जरता आ चुकी थी।
- आधुनिक तकनीकी आवश्यकताओं की कमी।
5.2 नए भवन की परियोजना
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 में शिलान्यास।
- निर्माण एजेंसी: टाटा प्रोजेक्ट्स
- अनुमानित लागत: ₹971 करोड़
- उद्घाटन: 28 मई 2023
5.3 नई संसद भवन की विशेषताएँ
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| आकार | त्रिकोणीय (Triangular) |
| क्षेत्रफल | 64,500 वर्ग मीटर |
| बैठने की क्षमता | लोकसभा: 888, राज्यसभा: 384 |
| डिजिटल व्यवस्था | पेपरलेस वर्किंग, स्मार्ट स्क्रीन |
🗳️ 6. Sansad Bhawan में क्या होता है?
- कानून निर्माण: बिल पेश करना, चर्चा और पास करना
- सवाल-जवाब: प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही
- बहस और चर्चा: राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा
- वोटिंग: प्रस्तावों और बिलों पर वोटिंग
🎓 7. शिक्षा और अनुसंधान केंद्र
Sansad Bhawan में एक विशाल पुस्तकालय और शोध केंद्र भी है जहाँ शोधकर्ता संसदीय दस्तावेजों और ऐतिहासिक रिकॉर्ड का अध्ययन कर सकते हैं।
📷 8. पर्यटक जानकारी (Tourist Information)
Sansad Bhawan भारतीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों दोनों के लिए विशेष रुचि का केंद्र है।
8.1 प्रवेश और पास
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| पर्यटक समय | सोमवार से शुक्रवार |
| समय | सुबह 11 बजे से दोपहर 5 बजे तक |
| पास | संसद भवन सचिवालय से आवेदन |
| शुल्क | निःशुल्क (पूर्व अनुमति आवश्यक) |
8.2 प्रवेश के नियम
- मोबाइल कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस वर्जित
- पहचान पत्र आवश्यक (Aadhaar/Passport)
- गाइड के साथ ही अंदर प्रवेश संभव
🌐 9. संसद टीवी और डिजिटल संसाधन
आज संसद की कार्यवाही Sansad TV और इंटरनेट के माध्यम से आम नागरिकों तक पहुँच रही है। इससे पारदर्शिता और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा मिला है।
📊 10. महत्वपूर्ण जानकारी – Table Form
| विषय | जानकारी |
|---|---|
| नाम | संसद भवन (Sansad Bhawan) |
| स्थान | नई दिल्ली |
| निर्माण प्रारंभ | 1921 |
| उद्घाटन | 1927 |
| डिज़ाइनर | एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर |
| मुख्य कक्ष | लोकसभा, राज्यसभा, केंद्रीय कक्ष |
| नया भवन उद्घाटन | 28 मई 2023 |
| निर्माण लागत | ₹971 करोड़ (नया भवन) |
| पर्यटक समय | सोमवार से शुक्रवार, 11 AM–5 PM |
🔍 11. रोचक तथ्य (Interesting Facts)
- संसद भवन का आकार भारतीय चक्र (wheel) की प्रेरणा से लिया गया है।
- भारतीय संविधान की पहली कॉपी यहीं पर रखी गई थी।
- महात्मा गांधी और नेहरूजी की कई ऐतिहासिक भाषण इसी भवन में दिए गए हैं।
- नए संसद भवन में भारत की सांस्कृतिक विविधता को दीवारों पर चित्रों व मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है।
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📚 12. निष्कर्ष (Conclusion)
Sansad Bhawan भारतीय लोकतंत्र की धड़कन है। यह केवल एक भवन नहीं, बल्कि वह स्थान है जहाँ देश की दिशा तय होती है। इसके ऐतिहासिक महत्व, भव्य स्थापत्य और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के केंद्र होने के कारण, यह हर भारतीय के गर्व का विषय है।
नई संसद भवन की स्थापना ने भारत के भविष्य की एक नई दिशा सुनिश्चित की है – जहां आधुनिकता, पारदर्शिता और तकनीकी उन्नति के साथ लोकतंत्र और मजबूत होगा।




