प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संसद में संविधान दिवस के अवसर पर महत्वपूर्ण भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए देश के विकास और सामाजिक न्याय के लिए नए संकल्प प्रस्तुत किए। यह भाषण न केवल उनकी नीतियों का सार था, बल्कि विपक्ष पर तीखे प्रहार और भविष्य की योजनाओं का खाका भी था।
संविधान की महत्ता पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत के संविधान की महत्ता पर चर्चा करते हुए की। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की आत्मा है। यह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की नींव है और इसे सशक्त बनाने के लिए हर नागरिक को योगदान देना चाहिए। उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान निर्माण में शामिल अन्य महान नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा संविधान के अनुरूप काम किया है और हर वर्ग, विशेष रूप से वंचितों, महिलाओं, और गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी है।
सरकार की प्रमुख उपलब्धियां
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे उनकी नीतियों ने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर गरीब और वंचित समुदायों को लाभ पहुंचाया है।
1. आयुष्मान भारत योजना
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। उन्होंने कहा कि अब तक लाखों लोगों को इस योजना का लाभ मिला है, जिससे गरीबों को महंगे इलाज का बोझ उठाने की जरूरत नहीं रही।
2. दिव्यांगजनों के लिए समान साइन लैंग्वेज
उन्होंने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने देशभर में एक समान साइन लैंग्वेज लागू की है, जो दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ी राहत है।
3. बिना गारंटी ऋण
प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की बात कही, जिससे लाखों युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि यह योजना देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत कर रही है।
4. ओबीसी आरक्षण
प्रधानमंत्री ने संविधान संशोधन के माध्यम से ओबीसी समुदाय को आरक्षण का लाभ देने की बात कही। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
कांग्रेस पर तीखा हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने “गरीबी हटाओ” जैसे नारों का केवल राजनीतिक लाभ उठाया, लेकिन वंचित वर्गों के लिए ठोस काम करने में नाकाम रही।
आरक्षण की राजनीति
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू करने में जानबूझकर देरी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय के मुद्दों का उपयोग केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए किया।
डॉ. आंबेडकर का सम्मान
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान को कभी उचित सम्मान नहीं दिया। उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. आंबेडकर को “भारत रत्न” का सम्मान भाजपा सरकार के कार्यकाल में दिया गया।
2047 के लिए 11 संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 11 संकल्प पेश किए। उन्होंने कहा कि ये संकल्प न केवल सरकार की, बल्कि हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी हैं।
इन संकल्पों में शामिल हैं:
- गरीबी उन्मूलन: देश से गरीबी को पूरी तरह खत्म करना।
- सामाजिक न्याय: सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करना।
- महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अधिकार और अवसर।
- युवा विकास: युवाओं को रोजगार और शिक्षा के नए अवसर देना।
- ग्लोबल अर्थव्यवस्था: भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाना।
- स्वच्छ भारत: देश को पूर्ण रूप से स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना।
- डिजिटल भारत: तकनीकी क्षेत्र में भारत को अग्रणी बनाना।
- रक्षा और सुरक्षा: देश की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित बनाना।
- स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देना।
- शिक्षा में सुधार: शिक्षा को सुलभ और रोजगारपरक बनाना।
- वैश्विक नेतृत्व: भारत को विश्व में एक मजबूत और प्रेरणादायक नेता के रूप में स्थापित करना।
संविधान में संशोधन और सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने संविधान में ऐसे कई संशोधन किए हैं जो पिछली सरकारों की नीतिगत विफलताओं को ठीक करने के लिए आवश्यक थे। उन्होंने कहा कि ये संशोधन सामाजिक न्याय, आर्थिक सशक्तिकरण और देश की एकता को मजबूत करने की दिशा में किए गए।
विपक्ष को संदेश
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को यह संदेश दिया कि अब विकास और राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का समय है। उन्होंने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को देशहित में एकजुट होना चाहिए।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण न केवल उनकी सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं का एक सार प्रस्तुत करता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी निर्धारित करता है। उन्होंने संविधान और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए संकल्प लिया।
यह भाषण भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने विकास और सामाजिक न्याय पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री का यह दृष्टिकोण न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
