Ganesh Chaturthi 2025 – Complete Guide in Hindi & English
Ganesh Chaturthi 2025 हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जिसे पूरे भारत में बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘Vinayaka Chaturthi’ या ‘Vinayaka Chavithi’ भी कहा जाता है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाले) और बुद्धि प्रदाता माना जाता है।
हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को यह पर्व आता है। लोग घरों में मिट्टी की मूर्तियाँ स्थापित करते हैं, मंत्रोच्चार और पूजा करते हैं तथा 10 दिनों तक बप्पा की सेवा करते हैं। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के दिन ‘गणेश विसर्जन’ किया जाता है।
📅 Ganesh Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat
| अवसर/विवरण | तिथि (2025) | समय/मुहूर्त |
|---|---|---|
| गणेश चतुर्थी 2025 | सोमवार, 25 अगस्त 2025 | पूरे दिन |
| चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 24 अगस्त 2025, रात 11:30 बजे | |
| चतुर्थी तिथि समाप्त | 25 अगस्त 2025, रात 08:15 बजे | |
| गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) | बुधवार, 3 सितम्बर 2025 |
👉 इस बार गणेश चतुर्थी सोमवार को पड़ रही है, जो कि बेहद शुभ मानी जाती है।
🙏 Ganesh Chaturthi 2025 Puja Vidhi (गणेश चतुर्थी पूजा विधि)
गणपति पूजा का महत्व बहुत बड़ा है। यहाँ चरणबद्ध पूजा विधि दी गई है:
- प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
- घर में स्वच्छ स्थान पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
- मूर्ति के सामने लाल कपड़ा बिछाकर, कलश स्थापना करें।
- गणपति जी को सिंदूर, दूर्वा, मोदक, लड्डू अर्पित करें।
- धूप, दीप, अक्षत, फूल चढ़ाएँ।
- गणेश अथर्वशीर्ष, गणेश चालीसा और गणपति मंत्रों का पाठ करें।
- 10 दिनों तक गणपति जी की पूजा और भजन-कीर्तन करें।
- अंतिम दिन विसर्जन करें और गणपति को विदाई दें।
🕉️ Ganesh Chaturthi Vrat Katha (गणेश चतुर्थी व्रत कथा)
पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने स्नान के समय अपने उबटन से गणेश जी की मूर्ति बनाई और उसमें प्राण प्रतिष्ठा कर दी। जब भगवान शिव घर लौटे और गणेश जी ने उन्हें अंदर आने से रोका, तो शिवजी ने क्रोध में आकर उनका सिर काट दिया। बाद में माता पार्वती के शोक को शांत करने के लिए शिवजी ने उन्हें हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित किया। तभी से गणेश जी को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाने लगा।
🎉 How Ganesh Chaturthi 2025 Will Be Celebrated
भारत में प्रमुख उत्सव स्थल:
- महाराष्ट्र (Mumbai, Pune, Nagpur) – यहाँ सबसे बड़ी धूमधाम होती है। लालबाग का राजा, सिद्धिविनायक मंदिर का उत्सव विश्व प्रसिद्ध है।
- कर्नाटक और आंध्रप्रदेश – यहाँ पारंपरिक संगीत, नृत्य और झाँकियाँ निकाली जाती हैं।
- गुजरात और मध्यप्रदेश – पंडाल सजावट और भक्ति गीतों का आयोजन।
- उत्तर भारत – मंदिरों और घरों में मूर्तियों की पूजा।
📖 Importance & Significance of Ganesh Chaturthi
| पहलू | महत्व |
|---|---|
| धार्मिक महत्व | भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। |
| सामाजिक महत्व | समाज में एकता, भाईचारे और उत्साह का माहौल बनाता है। |
| आध्यात्मिक महत्व | भक्ति और श्रद्धा से साधक को जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। |
| सांस्कृतिक महत्व | नृत्य, संगीत, रंगोली, पंडाल सजावट और सामूहिक उत्सव। |
🍬 Prasad & Bhog in Ganesh Chaturthi 2025
- मोदक (Modak) – गणपति का प्रिय भोग।
- लड्डू, नारियल, गुड़ और तिल।
- पंचामृत, फल और दूध से बनी मिठाइयाँ।
🌎 Ganesh Chaturthi Worldwide Celebrations
- Mauritius, Nepal, Fiji – भारतीय मूल के लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं।
- United States & UK – भारतीय संगठन मंदिरों में मूर्तियाँ स्थापित करते हैं।
- Dubai & Singapore – सामुदायिक पूजा और विसर्जन।
✨ Ganesh Chaturthi 2025 Wishes & Shayari
लोग इस दिन गणपति शायरी, शुभकामनाएँ और संदेश साझा करते हैं।
उदाहरण:
- “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया!”
- “आओ मिलकर करें गणपति का स्वागत, खुशियों और समृद्धि का हो आगमन।”
- “हर घर में गूंजे बप्पा का नाम, हर दिल में बसे बप्पा का धाम।”
📊 Quick Facts Table – Ganesh Chaturthi 2025
| विषय | जानकारी |
|---|---|
| पर्व का नाम | गणेश चतुर्थी 2025 |
| तिथि | 25 अगस्त 2025 (सोमवार) |
| चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 24 अगस्त रात 11:30 बजे |
| चतुर्थी तिथि समाप्त | 25 अगस्त रात 08:15 बजे |
| मुख्य भोग | मोदक, लड्डू |
| पूजा अवधि | 10 दिन |
| विसर्जन | 3 सितम्बर 2025 |
| विशेष स्थल | महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गुजरात |
🏁 Conclusion
Ganesh Chaturthi 2025 केवल धार्मिक पर्व नहीं बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। इस दिन भक्त अपने विघ्नहर्ता गणपति से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। चाहे भारत हो या विदेश, हर जगह गणपति बप्पा के जयकारों से वातावरण गूंजता है।
“गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया!”




